खेलो इंडिया नेशनल यूथ गेम्स में शानदार प्रदर्शन करते हुए हरियाणा की बेटी, डिंपल बल्लभगढ़, ने तमिलनाडु चेन्नई में खेलो इंडिया नेशनल यूथ गेम बॉक्सिंग में 48 किलो भार वर्ग में कांस्य पदक जीता। यह उपलब्धि सिर्फ प्रदेश के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक गर्वप्रद क्षण बनी है।
शौर्य की कहानी - डिंपल का जीवन
डिंपल बल्लभगढ़, हरियाणा के फरीदाबाद जिले की रहने वाली हैं, और उनके पिताजी हरियाणा रोडवेज में ड्राइवर हैं। डिंपल की माता, निर्मला, ने बताया कि उनकी बेटी सुबह 4 बजे उठकर मेहनत करती हैं और इस उम्र में ही उन्होंने बॉक्सिंग में इतनी उच्च उपलब्धि हासिल की हैं। डिंपल के पिताजी ने भी उनकी कड़ी मेहनत और संघर्ष को गर्वपूर्ण माना है।डिंपल का यह सफलता संघर्ष और मेहनत का परिणाम है, जिन्होंने सीबीएसई खेलों में भी गोल्ड जीता है। इसके साथ ही, वह हरियाणा रोडवेज के ड्राइवर की बेटी के नाते भी गर्वित हैं। उनका परिवार और स्कूल प्रशासन ने भी उनकी सफलता को सराहा है और इस मामले में उनकी मेहनत को पूरी तरह से समर्थन किया है।
सपनों की ऊंचाई - भविष्य का लक्ष्य
डिंपल ने बताया कि उसका आगे का लक्ष्य इंटरनेशनल खेलों में गोल्ड मेडल जीतना है, जिसके लिए वह लगातार मेहनत कर रही हैं। उसने यह भी कहा कि उसे बॉक्सिंग में और भी अधिक माहिर बनने के लिए इस पथ पर आगे बढ़ना है।
स्कूल की प्रिंसिपल ने बताई बातें
डिंपल के स्कूल की प्रिंसिपल, रेनू आर्य, ने उनकी सफलता पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि वह एक होनहार और कड़ी मेहनती छात्रा हैं। उन्होंने बताया कि डिंपल ने पहले सीबीएसई खेलों में भी गोल्ड मेडल जीता है और अब खेलो इंडिया नेशनल यूथ गेम्स में कांस्य पदक जीतकर स्कूल का नाम रोशन किया है।
इससे साफ होता है कि डिंपल बल्लभगढ़ का सफल सफर सिर्फ उनकी मेहनत और उनके परिवार, स्कूल, और प्रदेश के समर्थन के कारण हुआ है। आने वाले समय में भी हम सभी उसकी और से और उसके सपनों की पूर्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।
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