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The Haryana Story | आईपीएस अधिकारियों में सन्नाटा, लोग उठा रहे सवाल -एक भी अधिकारी शोक जताने घर नहीं पहुंचा !!

आईपीएस अधिकारियों में सन्नाटा, लोग उठा रहे सवाल -एक भी अधिकारी शोक जताने घर नहीं पहुंचा !!

हरियाणा पुलिस सेवा के सीनियर अफसरों में शुमार रहे आईपीएस वाई पूरन कुमार के निधन ने पूरे राज्य को हिलाकर रखा

हरियाणा पुलिस सेवा के सीनियर अफसरों में शुमार रहे आईपीएस वाई पूरन कुमार के निधन ने पूरे राज्य को हिलाकर रखा हुआ है। उनके निधन के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, तमाम मंत्रियों, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं, आईएएस और एचसीएस अफसरों ने उनके घर पहुंचकर परिवार को ढांढस बंधाया। लेकिन सबसे हैरानी की बात यह रही कि हरियाणा के आईपीएस अफसरों में से एक भी अधिकारी घर जाकर शोक जताने नहीं पहुंचा। हालांकि आईपीएस एसोसिएशन ने शोक प्रस्ताव पारित कर औपचारिक संवेदना जरूर जताई, मगर व्यक्तिगत स्तर पर किसी भी आईपीएस अधिकारी का उनके घर पर न जाना पूरे राज्य की ब्यूरोक्रेसी में सवाल और सरगर्मी का विषय हुआ है।

अधिकारियों ने पीड़ित परिवार दूरी बना रखी

वाई पूरन के चंडीगढ़ सेक्टर 24 स्थित मकान के बाहर लोग यही सवाल उठा रहे हैं कि अपनी ही एसोसिएशन के सीनियर साथी के घर तक न जाना आखिर कैसी मजबूरी है? कुछ अधिकारियों की मानें तो एक शीर्ष अधिकारी के दबाव में यह रवैया अपनाया जा रहा है और यही वजह है कि अधिकारियों ने पीड़ित परिवार दूरी बना रखी है। दूसरी ओर, हरियाणा आईएएस एसोसिएशन ने शुक्रवार देर शाम को ही वर्चुअल मीटिंग की, जिसमें 40 अधिकारी शामिल हुए। सभी ने एक सुर में दिवंगत अफसर की पत्नी, आईएएस अमनीत पी. कुमार का साथ देने का ऐलान किया। इस मीटिंग में यह चिंता भी जताई गई कि एंटी करप्शन ब्यूरो के नाम पर किस तरह अधिकारियों को टारगेट किया गया और अब भी एक अधिकारी को अपनी जान देनी पड़ी है। 

हरियाणा की ब्यूरोक्रेसी को दो हिस्सों में बंटा हुआ दिखा दिया

गौरतलब है कि डीजीपी शत्रुजीत कपूर 2022-23 में एंटी करप्शन ब्यूरो के निदेशक रहे और उस दौरान कई कार्रवाइयों पर संवैधानिक प्रक्रिया को लेकर सवाल उठे। इसी तरह, हरियाणा सिविल सेवा एसोसिएशन ने भी परिवार के साथ खड़े होने का ऐलान किया। एचसीएस से जुड़े 15 अधिकारियों ने एफआईआर दर्ज होने के बाद आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। इनमें से कई अधिकारी व्यक्तिगत रूप से पूरन कुमार के घर पहुंचकर परिवार के साथ खड़े दिखे। आईएएस और एचसीएस अधिकारियों के सक्रिय समर्थन और आईपीएस अधिकारियों की चुप्पी ने हरियाणा की ब्यूरोक्रेसी को दो हिस्सों में बंटा हुआ दिखा दिया है। एक ओर मानवीय संवेदना और कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने की तस्वीर है, वहीं दूसरी ओर महज औपचारिक शोक प्रस्ताव तक सीमित रह जाना है।

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