श्रीनगर के नौगाम पुलिस स्टेशन में फरीदाबाद से जब्त अमोनियम नाइट्रेट में विस्फोट हो गया, जिससे थाने का एक हिस्सा ढह गया। इस हादसे में इंस्पेक्टर समेत 9 लोगों की मौत हो गई और 32 घायल हो गए। पुलिस ने इसे दुर्घटना बताया है, जो जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों से बरामद अमोनियम नाइट्रेट की जांच के दौरान हुआ। मामले की जांच जारी है। अधिकारियों के अनुसार 32 लोग घायल हुए हैं। इनमें से 24 पुलिसकर्मी हैं। पांच घायलों को सेना के बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया है। शेष को श्रीनगर के अन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
9 लोगों की मौत हो गई, जबकि 32 लोग घायल हुए, जिनमें करीब 27 पुलिस कर्मी
पुलिस ने आतंकी हमले से इनकार किया है और इसे हादसा बताया है। जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक नलिन प्रभात ने शनिवार को कहा कि नौगाम पुलिस स्टेशन में हुआ बड़ा धमाका एक दुर्घटनावश विस्फोट था और इसमें किसी तरह की तोड़फोड़ या साजिश शामिल नहीं है। इस हादसे में 9 लोगों की मौत हो गई, जबकि 32 लोग घायल हुए, जिनमें करीब 27 पुलिस कर्मी डीजीपी प्रभात ने बताया कि व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल मामले की जांच के दौरान बरामद किए गए विस्फोटक हरियाणा के फरीदाबाद से नौगाम पुलिस स्टेशन लाए गए थे।
इन विस्फोटकों के नमूनों को फॉरेंसिक और रासायनिक जांच के लिए भेजना आवश्यक था
इन्हें पुलिस स्टेशन के परिसर में खुले स्थान पर सुरक्षित तरीके से रखा गया था। उन्होंने कहा कि नियमों के अनुसार इन विस्फोटकों के नमूनों को फॉरेंसिक और रासायनिक जांच के लिए भेजना आवश्यक था। बरामद सामग्री की मात्रा अधिक होने की वजह से एफएसएल टीम 2 दिनों से नमूने तैयार कर रही थी। विस्फोटक सामग्री बेहद संवेदनशील और अस्थिर थी, इसलिए टीम पूरी सावधानी से इसका परीक्षण कर रही थी। डीजीपी ने बताया कि शुक्रवार रात करीब 11:20 बजे इसी प्रक्रिया के दौरान अचानक धमाका हो गया।
घटना को लेकर किसी अन्य वजह की अटकलें लगाना उचित नहीं
उन्होंने कहा कि इस घटना को लेकर किसी अन्य वजह की अटकलें लगाना उचित नहीं है। धमाके में जान गंवाने वालों में कई अधिकारी शामिल हैं। एसआईए का एक अधिकारी, एफएसएल टीम के 3 सदस्य, 2 क्राइम फोटोग्राफर, 2 राजस्व अधिकारी (मजिस्ट्रेट टीम से जुड़े) और एक दर्जी शामिल हैं। 32 लोग घायल हैं। कई इमारतें क्षतिग्रस्त हुई हैं। धमाके में 27 पुलिसकर्मी, 2 राजस्व अधिकारी और 3 स्थानीय नागरिक घायल हुए हैं। सभी घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया।