दिल्ली में हुए ब्लास्ट का कनेक्शन अब हरियाणा के फरीदाबाद के साथ-साथ नूंह (मेवात) जिले के पिनगवां क्षेत्र से भी जुड़ गया है। विस्फोट से जुड़े केस की जांच कर रही दिल्ली की जांच एजेंसी ने खाद विक्रेता दिनेश सिंगला उर्फ डब्बू को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। आरोप है कि डब्बू ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी के डॉक्टर मुजम्मिल शकील को बिना रिकॉर्ड अमोनियम नाइट्रेट उपलब्ध करवाया, जबकि उसके पास अमोनियम नाइट्रेट रखने का लाइसेंस नहीं था। बताया गया कि यही अमोनियम नाइट्रेट विस्फोट तैयार करने में इस्तेमाल हुआ।
आतंकी डॉ. उमर नबी के घर को आईईडी ब्लास्ट से उड़ा दिया
वहीं, गुरुवार रात सुरक्षा बलों ने पुलवामा में आतंकी डॉ. उमर नबी के घर को आईईडी ब्लास्ट से उड़ा दिया है। गुरुवार को ही डीएनए मैचिंग के बाद इस बात की पुष्टि हुई है कि कार में उमर ही था। उमर पुलवामा के कोइल इलाके में रहता था। पुलिस उसके माता-पिता और भाइयों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। खुफिया एजेंसियों ने खुलासा किया है कि अब तक गिरफ्तार 8 आतंकियों ने बताया कि वे 6 दिसंबर यानी बाबरी मस्जिद ढहाने की बरसी के दिन दिल्ली समेत देशभर में कई जगह धमाके करना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने 32 कारों का इंतजाम किया था। 10 नवंबर को हुए दिल्ली ब्लास्ट में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 20 लोग घायल हैं जिनमें से 3 की हालत नाजुक बताई जा रही है।
इन दोनों शहरों में बैठकर ही दिल्ली व अन्य शहरों को दहलाने की साजिश रच रहे थे
उल्लेखनीय है कि दिल्ली में लाल किले के पास गत 10 नवंबर को हुए बम धमाके के तार तो वैसे कई जगहों से जुड़ रहे हैं, लेकिन हरियाणा के मेवात और फरीदाबाद से जिस तरह इस वारदात की कड़ियां जुड़ रही हैं, उससे साफ है कि दिल्ली से सटे इन दोनों शहरों में बैठकर ही देश के दुश्मन दिल्ली व अन्य शहरों को दहलाने की साजिश रच रहे थे।
इसमें भी कोई दोराय नहीं कि अगर जम्मू-कश्मीर पुलिस डॉक्टर आदिल को गिरफ्तार न करती तो दुश्मन अपने मंसूबों में कामयाब हो जाते। गौरतलब है कि जम्मू- कश्मीर पुलिस ने ही सबसे पहले डॉक्टर आदिल को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से गिरफ्त में लिया था। वह वहां एक अस्पताल में नौकरी कर रहा था। उससे पूछताछ के बाद ही जम्मू-कश्मीर पुलिस दिल्ली ब्लास्ट में गिरफ्तार किए गए अन्य डॉक्टरों, मुज्जमिल, उमर और डॉक्टर शाहीन तक पहुंची थी।
देश के दहलाने से बचाने का पूरा श्रेय जम्मू-कश्मीर पुलिस को
दरअसल, कुछ दिन पहले जम्मू-कश्मीर में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के समर्थन में पोस्टर लगाया गया था। जम्मू-कश्मीर पुलिस इस पोस्टर की तμतीश के तहत ही डॉक्टर आदिल तक पहुंची थी। उसे गत 5 नवंबर को सहारनपुर से गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल व खुफिया विभाग के सीनियर अफसरों ने यह जानकारी दी है।
इस तरह अगर जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पोस्टर की तफ्तीश न की होती तो देश के दुश्मन अपने मंसूबों में कामयाब हो गए होते। सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि देश के दहलाने से बचाने का पूरा श्रेय जम्मू-कश्मीर पुलिस को दिया जाएगा। इसके बाद मौलवी इरफान अहमद को भी अरेस्ट किया गया। पूछताछ में आदिल ने शाहीन व अन्य डॉक्टरों के नाम बताए। इसके बाद फरीदाबाद जिले में गत 9 नवंबर को भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद हुआ था।
अब तक 25 से ज्यादा युवक हिरासत में लिए, एक बड़ा नेटवर्क दिल्ली में एक्टिव
दिल्ली पुलिस का कहना है कि डॉ. शाहीन ने मेवात व आसपास के इलाकों में 60 से ज्यादा लड़ाके (स्लीपर सेल) तैयार कर लिए थे। वह इन्हें ट्रेनिंग दे रही थी और साथ ही उनका ब्रेनवॉश कर रही थी। इनमें अधिकतर डॉक्टर व चिकित्सा से जुड़े हैं। पुलिस इनकी धरपकड़ के लिए लगातर दबिश दे रही है। अब तक 25 से ज्यादा युवक हिरासत में लिए गए हैं।
सूत्रों के अनुसार जैश-ए-मोहम्मद के इस डॉक्टर मॉड्यूल ने 32 कारों के जरिये पूरे देश को दहलाने की साजिश रची थी। एक अधिकारी के अनुसार जांच एजेंसियों को इनपुट मिला है कि हवाला का एक बड़ा नेटवर्क दिल्ली में एक्टिव है और अल-फलाह यूनिवर्सिटी से शुरू हुए सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल को इसी नेटवर्क के जरिये फंडिंग पहुंच रही थी। डॉक्टर मुज्जमिल, उमर और शाहीन मेवात के एक एजेंट के जरिये इस नेटवर्क से जुड़े थे।