करीब चार दिन पहले बापौली-सनौली रोड पर बेसहारा पशुओं की वजह से एक वाहन चालक घायल हो गया। दरअसल बेसहारा पशु खेत से लेकर बाजार में आफत बने हुए हैं। पानीपत जिले में 28 गौशालाएं हैं। इन गौशालाओं में 21 हजार से अधिक गोवंश का पालन किया जा रहा है। तस्वीर का धुंधला पहलू यह है कि सडक़ों पर भी हजारों बेसहारा पशु हैं। ये बेसहारा पशु सडक़ों पर विचरने को विवश हैं। पानीपत को बुनकरों की नगरी कहा जाता है। बुनकरों की नगरी में गौवंश कूड़े में मुंह मारने के अलावा पॉलीथिन खाने को भी मजबूर है। इसके साथ ही बेसहारा पशुओं के चलते सडक़ हादसे हो रहे हैं।
पानीपत जिला में करीब 28 पंजीकृत गौशालाएं
इन सड़क हादसों में लोगों की जान जा रही है और लोग घायल हो रहे हैं। इसके साथ ही शहरों में यह पशु जाम का कारण बन रहे हैं खेतों में यह पशु अन्नदाता के लिए आफत बने हुए हैं। पानीपत जिला में करीब 28 पंजीकृत गौशालाएं हैं। इन गौशालाओं में करीब 21,313 गौवंश का पालन किया जा रहा है। पशु गणना की रिपोर्ट के अनुसार पानीपत जिला में घरों में भी हजारों की संख्या में गौवंश का पालन हो रहा है। बेसहारा गौवंश के चलते सबसे अधिक समस्या स्कूली बच्चों को होती है। अक्सर ये पशु उग्र हो जाते हैं। आने-जाने वाले लोगों हमला कर देते हैं। यहां तक कि कई बार बाजारों में भगदड़ मचा देते हैं।
विभिन्न गांवों से छोडे जाते है बेसहारा पशु
जिले के विभिन्न गांवों से काफी संख्या में पशुपालन पशुओं को छोड़ देते हैं। पानीपत जिले में हजारों की संख्या में बेसहारा पशु है। हर साल यहां भारी संख्या में बेसहारा पशु बढ़ रहे हैं। आज से करीब एक दशक भर पहले पानीपत में सौ से भी कोई-कोई गौशालाएं थीं। अब गौशालाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है और पंजीकृत गौशाला 28 हो गई है। जबकि काफी संख्या में बिना पंजीकृत के भी गौशाला चल रही है। बावजूद इसके सडक़ों पर बेसहारा गोवंश भी नजर आता है।
हर साल हो रहे 700 सड़क हादसे
हरियाणा में बेसहारा गौवंश के चलते हर साल लगभग 700 सड़क हादसों में 200 लोगों की मौत हो रही है। इन हादसों में लगभग 600 लोग घायल हो रहे हैं। हरियाणा विधानसभा के पटल पर रखी एक जानकारी के अनुसार 2017 से लेकर जुलाई-2022 तक हरियाणा में 3,383 सडक़ हादसे बेसहारा गौवंश की वजह से हुए इन हादसों में 919 लोगों की मौत हो गई, जबकि 3,017 लोगों घायल हो गए। वहीं गौशालाओं को दिए जाने वाले सरकारी अनुदान की बात करें तो इससे गौशालाएं चलाना मुनासिब नहीं है। साल 2020-21 में गौशालाओं को सरकार की ओर से 17 करोड़ 75 लाख रुपए, 2021-22 में 29 करोड़ 50 लाख रुपए, जबकि 2022-23 में 13 करोड़ 50 लाख रुपए का अनुदान दिया गया। हरियाणा में लगभग 569 गौशाला पंजीकृत हैं, जिनमें लगभग 3 लाख से अधिक गौवंश को आश्रय दिया हुआ है।
जाम का बनते हैं कारण
चिंता की बात ये है कि पानीपत-समालखा शहर ही नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्र में पहले से ही ट्रैफिक जाम की समस्या विकराल हो रही है। इसके साथ ही बेसहारा पशु भी हादसों के अलावा जाम का कारण बनते हैं। शहर में बेसहारा पशुओं की तादाद दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। शहर की लगभग सभी सडक़ों पर बेसहारा पशु घूमते रहते हैं। इसके चलते वाहन चालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं प्रशासन द्वारा शहर को स्ट्रे कैटल फ्री बनाने की बात कही जा रही है, लेकिन धरातल पर यह दावे धूमिल नजर आ रहे हैं। ये बेसहारा पशु जाम का कारण भी बनते हैं। पानीपत,बापौली,सनौली खुर्द,समालखा में अतिक्रमण व वाहनों की संख्या अधिक होने के कारण सडक़ों पर पहले ही जाम के हालात बने रहते हैं। लेकिन सडक़ों पर मंडराने वाले बेसहारा पशु भी जाम का बड़ा कारण बनते जा रहे हैं।
किसान हैं सबसे अधिक परेशान
बेसहारा पशुओं के कारण किसान सबसे अधिक परेशान हैं। बेसहारा पशु अक्सर खेतों में घुस जाते हैं और किसानों की फसल खराब कर देते हैं। किसानों को इन पशुओं से अपनी फसल को बचाने के लिए दिन-रात खेतों में पहरा देना पड़ता है।
हरियाणा में गोवंश एक नजर में
- कुल पंजीकृत गौशालाएं-629
- गोवंश-4,41,492 गौसेवा
- आयोग का बजट-50 करोड़
- गौशालाओं को सहायता-27 करोड़
कहां कितनी गौशालाएं व गोवंश?
जिला गौशालाएं गौवंश
अंबाला 12 5873
भिवानी 40 26217
दादरी 14 5,090
फरीदाबाद 10 4816
फतेहाबाद 67 38,771
गुरुग्राम 15 19,668
हिसार 57 51,349
झज्जर 14 16,754
जींद 42 31,015
कैथल 20 25,944
करनाल 24 13,987
कुरुक्षेत्र 28 9,810
नारनौल 21 21,380
नूंह 10 7,254
पलवल 15 6,358
पंचकूला 13 5,294
पानीपत 28 21,313
रेवाड़ी 11 5,234
रोहतक 13 22,032
सिरसा 135 55,835
सोनीपत 31 41,008
यमुनानगर 8 2,450
कुल 629 4,41,492