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The Haryana Story | हरियाणा के 'सिंहमार' ने बनाया ऐसा उपकरण, जो ई-कॉमर्स और डिजिटल भुगतान में बढ़ती धोखाधड़ी को रोकने में सक्षम

हरियाणा के 'सिंहमार' ने बनाया ऐसा उपकरण, जो ई-कॉमर्स और डिजिटल भुगतान में बढ़ती धोखाधड़ी को रोकने में सक्षम

प्रो डॉ. संदीप सिंहमार के आविष्कार को मिली अंतरराष्ट्रीय मान्यता

ऑनलाइन फ्रॉड रोकने के लिए हरियाणा के प्रोफेसर डॉ. संदीप सिंहमार को यूनाइटेड किंगडम इंटेलेक्चुअल प्रोपर्टी ऑफिस से रजिस्टर्ड पेटेंट डिजाइन ग्रांट मिला है। यह डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम में डिजाइन-आधारित नवाचार की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह उपकरण ई-कॉमर्स और डिजिटल भुगतान में बढ़ती धोखाधड़ी को रोकने में सक्षम है। डॉ. संदीप सिंहमार का यह नवाचार ऑनलाइन भुगतान धोखाधड़ी की जटिलताओं को ध्यान में रखते हुए खास तौर पर विकसित किया गया है। यह उपकरण फ्रॉड ऐप और संदिग्ध वेबसाइटों को वास्तविक समय में पहचान कर धोखाधड़ी से बचाव करता है, जिससे उपभोक्ताओं के लिए ऑनलाइन लेनदेन सुरक्षित होता है।

ये घटनाएं लाखों लोगों और व्यवसायों को भारी नुकसान पहुंचा रही

रियल टाइम भुगतान धोखाधड़ी के ताजा मामले बताते हैं कि अधिकृत पुश भुगतान धोखाधड़ी, खाता अधिग्रहण, फिशिंग हमले, और सीईओ फ्रॉड जैसी घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। उदाहरण के लिए, एप्प धोखाधड़ी में स्कैमर्स किसी ग्राहक को धोखा देकर स्वयं को भुगतान का अधिकृत करता है और तुरंत पैसे ट्रांसफर करवा लेता है। खाता अधिग्रहण में स्कैमर्स/अपराधी किसी व्यक्ति के ऑनलाइन बैंक या ई- कॉमर्स अकाउंट तक अनधिकृत पहुंच बनाकर बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी करते हैं। ये घटनाएं लाखों लोगों और व्यवसायों को भारी नुकसान पहुंचा रही हैं। 

यह पहल डिजिटल भारत के लिए महत्वपूर्ण

डॉ. संदीप सिंहमार का उपकरण इन जोखिमों को कम करने के लिए मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीकों का उपयोग करता है, जो भुगतान के दौरान संदिग्ध गतिविधियों को तुरंत पहचाने और रोक सके। इससे न केवल उपयोगकर्ता वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं, बल्कि धोखाधड़ी की घटनाओं में तेजी से कमी भी आएगी। यह पहल डिजिटल भारत के लिए महत्वपूर्ण है। हिसार के एक छोटे से गांव से भारतीय अनुसंधान एवं नवाचार को विश्व स्तर पर मान्यता दिलाती है। 

भुगतान को सुरक्षित बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी

डॉ. संदीप सिंहमार की यह सफलता ई-कॉमर्स और ऑनलाइन भुगतान को सुरक्षित बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी। डॉ. संदीप सिंहमार की इस उपलब्धि पर एनआईआईएलएम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ. शमीम अहमद, रजिस्ट्रार डॉ. राजीव दहिया, चेयरमैन संदीप चहल, डायरेक्टर बलराज ढांडा, डायरेक्टर संदीप चहल, राजकीय महिला महाविद्यालय हिसार के पूर्व प्राचार्य डॉ. रमेश आर्य ने शुभकामनाएं दी। डॉ. रमेश आर्य ने कहा कि सिंहमार के इस पेटेंट से ऑनलाइन भुगतान के दौरान धोखाधड़ी के मामलों में कमी आएगी।

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