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The Haryana Story | दिल्ली ब्लास्ट : अल फलाह यूनिवर्सिटी एक बार फिर 'शक' के घेरे में, यूनिवर्सिटी से जुड़े 10 लोग लापता, फ़ोन बंद

दिल्ली ब्लास्ट : अल फलाह यूनिवर्सिटी एक बार फिर 'शक' के घेरे में, यूनिवर्सिटी से जुड़े 10 लोग लापता, फ़ोन बंद

एजेंसी को शक है कि ये सभी ब्लास्ट में शामिल हो सकते हैं, जो ग्राउंड वर्कर का काम कर रहे थे।

दिल्ली में लाल किला के पास हुए कार ब्लास्ट के बाद हरियाणा के फरीदाबाद में स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी एक बार फिर शक के घेरे में है। यूनिवर्सिटी से जुड़े 10 लोग दिल्ली ब्लास्ट के बाद से लापता हैं। उनके फोन भी बंद है। एजेंसी को शक है कि ये सभी ब्लास्ट में शामिल हो सकते हैं, जो ग्राउंड वर्कर का काम कर रहे थे। वहीं जांच एजेंसियों ने खुलासा किया कि लाल किले के सामने विस्फोटक से भरी कार उड़ाने वाला आतंकी डॉ. उमर नबी अपने जैसे कई और सुसाइडल बॉम्बर तैयार करने की साजिश रच रहा था। इसके लिए वह लगातार वीडियो बनाकर युवाओं को भेजता था, ताकि उनका ब्रेनवॉश किया जा सके।

डॉ. उमर के 12 वीडियो समेत 70 से ज्यादा वीडियो मिले

एनआईए सूत्रों के अनुसार गिरफ्तार आरोपियों के मोबाइल फोन में डॉ. उमर के 12 वीडियो समेत 70 से ज्यादा वीडियो मिले हैं। ऐसे ही वीडियो 11 लोगों को भेजे गए थे। इनमें से 7 युवा कश्मीरी मूल के बताए जा रहे हैं और सभी का अल-फलाह यूनिवर्सिटी से लिंक मिला है। बाकी 4 युवा उत्तर प्रदेश, केरल और कर्नाटक के रहने वाले हैं।

उमर नबी एक पूरी फिदायीन टीम तैयार कर रहा था

जांच में यह भी सामने आया है कि आमिर रशीद अली, जिसने उमर नबी को i-20 कार दिलवाई थी, खुद सुसाइड बॉम्बर बनने को तैयार नहीं था। इसके बाद उमर ने उसे भी ऐसे ही ब्रेनवॉश करने वाले वीडियो भेजे थे। एजेंसियों को शक है कि उमर नबी एक पूरी फिदायीन टीम तैयार कर रहा था और उसका टारगेट कई राज्यों के युवा थे। दिल्ली में 10 नवंबर को लाल किला के पास बीच सड़क पर ट्रैफिक जाम में आई 20 कार में धमाका हुआ था। इससे आसपास की कई गाड़ियों के भी परखच्चे उड़ गए। 

उमर आत्मघाती हमले को 'शहादत का ऑपरेशन' बता रहा

दिल्ली कार ब्लास्ट में खुद को उड़ाने वाला आतंकी डॉ. उमर मोहम्मद हमले से करीब 2 हफ्ते पहले पुलवामा के कोइल गांव में अपने घर गया था। उमर ने अपने दो मोबाइल फोन में से एक अपने भाई जहूर इलाही को दिया और कहा कि अगर मेरे कोई खबर आए तो फोन पानी में फेंक देना। इसी फोन से वह वीडियो मिला है, जिसमें उमर आत्मघाती हमले को 'शहादत का ऑपरेशन' बता रहा है। जहूर ने सुरक्षा एजेंसियों को पूछताछ में फोन के बारे में जानकारी दी है। जहूर ने बताया कि उमर ने उसे 26 से 29 अक्टूबर के बीच फोन दिया था। 9 नवंबर को अल-फलाह यूनिवर्सिटी से उमर के साथियों की गिरफ्तारी की खबर सुनते ही उसने घबराकर फोन घर के पास एक तालाब में फेंक दिया था।

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