हरियाणा के जिला हिसार में पहला इंटीग्रेटेड एयरपोर्ट बनाया जा रहा है। उल्लेखनीय है निर्माणाधीन महाराजा अग्रसेन हवाई अड्डा शंखनुमा आकर का बनकर तैयार होगा और जिसका नाम प्रदेश सरकार ने महाराजा अग्रसेन के नाम पर रख दिया है सूत्रों के मुताबिक़ हिसार में एयरपोर्ट के निर्माण का कार्य प्रगति पर है। हिसार एयरपोर्ट पर रनवे के साथ टैक्सी स्टैंड और 23 मीटर चौड़ा टैक्सी-वे, पार्किंग स्टैंड, फायर स्टेशन का निर्माण भी इंटरनेशनल मानकों के हिसाब से किया जा रहा है। अत्याधुनिक तकनीक वाली लाइटें लगाई जा रही हैं। इससे रात में भी हवाई जहाज लैंड कर सके।
हवाई उड़ानों के लिए थोड़ा और करना पड़ेगा इंतजार
गौरतलब है कि महाराजा अग्रसेन एयरपोर्ट हिसार से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। यहां से हवाई उड़ानों के लिए लोगों को अभी और इंतजार करना पड़ेगा, क्योंकि एयरपोर्ट अथॉरिटी ने अभी तक हरियाणा सरकार को हवाई सेवा के लिए लाइसेंस जारी नहीं किया है। इसके पीछे तर्क यह है कि एयरपोर्ट पर सभी काम पूरा होने के बाद ही लाइसेंस जारी किया जाएगा। इसी वजह से वित्त मंत्री जेपी दलाल और नागरिक उड्डयन मंत्री कमल गुप्ता ने पिछले दिनों ही कई विभागों की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में नागरिक उड्डयन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल समेत कई विभागों के अधिकारी और एयरपोर्ट अथॉरिटी के अधिकारी भी मौजूद रहे।
15 मई तक काम पूरा करने का लक्ष्य
उल्लेखनीय है कि करीब 7200 एकड़ में हिसार में हरियाणा का पहला बड़ा एयरपोर्ट बन रहा है। सरकार का प्रयास है कि इस हवाई अड्डे को एक नवंबर तक ऑपरेशनल कर रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत हिसार से अलग-अलग राज्यों के नौ रूट पर हवाई सेवा शुरू की जाए। यहां 3000 एकड़ में मैन्युफैक्चरिंग हब भी विकसित किया गया। इस एयरपोर्ट पर रनवे, कैट आई, एटीसी, जीएससी एरिया, पीटीटी, लिंक टैक्सी, एप्रेन, फ्यूल रूम, बेसिक स्पिट पैरामीटर रोड और बरसाती ड्रोन बनाने का कार्य ज़ोरो पर हैं। अब एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) ने एयरपोर्ट की टर्मिनल बिल्डिंग और एटीसी टावर बनाने का टेंडर हैदराबाद की वेन्सा इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को अलॉट किया है। इस टर्मिनल बिल्डिंग और टावर बनाने पर करीब 412.58 करोड़ रुपए खर्च होने हैं। फिलहाल एयरपोर्ट पर बन रहे रनवे पर फाइनल कारपेटिंग का काम चल रहा है। शेष सेवा कार्य के संबंध में बैठक में निर्णय लिया गया कि 15 मई तक सभी कार्य पूर्ण कर लिए जाएंगे।
घरेलू उड़ान शुरू करने के प्रयास तेज
स्वास्थ्य एवं नागरिक उड्डयन मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने भी जल्द से जल्द हिसार एयरपोर्ट से घरेलू उड़ान शुरू करने के प्रयास तेज कर दिए हैं। हिसार एयरपोर्ट पर रनवे से संबंधित काम पूरे होने के बाद जून-जुलाई में जयपुर, चंडीगढ़, अहमदाबाद और जम्मू जैसे शहरों के लिए फ्लाइट शुरू होने का अनुमान लगाया जा रहा है। बता दें कि हिसार एयरपोर्ट पर इससे पहले भी एयर टैक्सी की सेवा शुरू हो चुकी है, लेकिन नगर विमानन महानिदेशालय डीजीसीए के नियम व शर्तें फ्लाइट उड़ाने में बाधा बनीं।
हजारों लोगों को मिलेगा रोजगार
इस एयरपोर्ट के बनने के बाद हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। साथ ही यह एयरपोर्ट हरियाणा के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। आजादी के 70 साल बाद भी हरियाणा में एक भी पंजीकृत एयरपोर्ट नहीं था। मगर हिसार एयरपोर्ट के ऑपरेशनल होते ही हरियाणा को अपना पहला सबसे बड़ा एयरपोर्ट मिल जाएगा।
फ्लाइट उड़ाने के लिए 5 किलोमीटर की विजिबिलिटी की तय
पहले नियम था कि फ्लाइट उड़ाने के लिए 1500 मीटर यानि डेढ़ किलोमीटर की विजिबिलिटी होनी चाहिए, लेकिन हिसार में ऐसा समय भी आया जब सर्दियों में एक सप्ताह तक घना कोहरा छाया रहा। इसके कारण फ्लाइट उड़ाने में बाधा उत्पन्न हुई। इसके बाद इन नियमों में एक बार फिर संशोधन हुआ और फ्लाइट उड़ाने के लिए 5000 मीटर यानि 5 किलोमीटर की विजिबिलिटी तय कर दी।
कनेक्टिविटी का कार्य 2 चरणों में पूरा किया जाएगा
वहीं माना जा रहा है कि हिसार एयरपोर्ट को कामयाब बनाने के लिए सबसे जरूरी है कि दिल्ली का ट्रैफिक हिसार आए। इसके लिए दिल्ली से हिसार कनेक्टिविटी तेज करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस कड़ी में हिसार एयरपोर्ट को नई दिल्ली के बीच रेल लाइन से जोड़ा जाएगा। इसके लिए हरियाणा सरकार हिसार एयरपोर्ट और दिल्ली के इंदिरा गांधी हवाई अड्डे के बीच रेलवे लाइन के प्रस्ताव को मंजूरी दे चुकी है। हालांकि यह कार्य 2 चरणों में पूरा किया जाएगा। पहले चरण में गढ़ी हरसरू-फरुखनगर-झज्जर के बीच रेल कनेक्टिविटी होगी। जबकि दूसरे चरण में हिसार हवाई अड्डे को जोड़ा जाएगा। इसमें करीब 1200 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च आएगा। वहीं बताया जा रहा है हिसार एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग के लिए कैट आई लगाने का काम किया जा रहा है। इसमें जीपीएस प्रणाली लगी होगी। इससे विमान कम्प्यूटर की मदद से अपने आप रनवे पर लैंडिंग कर सकेगा।
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