
कपड़ों सहित अन्य कई प्रकार के सामान की सेल तो आपने सुनी होगी, लेकिन क्या कभी सब्जी की सेल सुनी है ? नहीं सुनी हो तो अब सुन लीजिए, जी हां सिरसा के नोहरिया बाजार में दो सब्जी विक्रेताओं ने कपड़ों, बर्तनों और अन्य सामान की तरह ही सब्जियों की सेल लगा दी है। दोनों ही गरीब, जरूरतमंद और मध्यम वर्ग के लोगों को कम दाम पर सब्जियां दे रहे हैं।
भले ही एक रुपया प्रति किलो बचे, सब्जियों को सस्ते दामों पर ही बेचेंगे
आखिर क्या वजह है कि ये सब्जी विक्रेता आधे से कम दामों पर सब्जियां बेच रहे हैं, जिन्हें देख लोग भी अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं कि कि उन्होंने पहली बार सब्जियों की सेल देखी है। मंडी रेट पर ही सब्जियां मिल रही हैं। सब्जी विक्रेता महेंद्र कुमार ने बताया कि महंगाई के दौर को देखते हुए आधे दाम पर सब्जी बेचने का निर्णय लिया है। नोहरिया बाजार में सब्जी बेचने वाले लोग महंगे दामों पर सब्जियां बेच रहे थे। 10 रुपये किलो की सब्जी को 30 से 40 रुपये में दे रहे थे। इस लूट को देखते हुए निर्णय लिया कि भले ही एक रुपया प्रति किलो बचे, सब्जियों को सस्ते दामों पर ही बेचेंगे।
सब्जियों की गुणवत्ता अच्छी
ऐसे में अब मंडी रेट के हिसाब से सब्जी बेच रहे हैं और लाभ भी कमा रहे हैं। इसका फायदा यह है कि गरीब, जरूरतमंद व मध्यमवर्ग के लोग भी 100 रुपये में दो से तीन दिन की सब्जी ले जा सकते हैं। महिलाओं ने बताया कि सब्जियों की गुणवत्ता अच्छी है। दाम भी बहुत कम है। 100 रुपये में तीन दिन की सब्जी आ रही है। वहीं, पवन मोंगा और पालाराम ने कहा कि सब्जियां आधी रेट पर मिल रही है। पहली बार सब्जी की सेल देखी है। आम आदमी को बहुत फायदा हो रहा है।
अब सस्ते दामों पर बेचकर ही पैसा कमाएंगे, ताकि लोग सब्जियां खरीदे
सब्जी विक्रेता मुकेश कुमार ने बताया कि महंगाई के दौर में गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए सब्जी खरीदना मुश्किल हो गया है। सब्जी गरीब लोगों की पहुंच से बाहर हो गई है। सस्ती और सीजन की सब्जियों को भी गली, बाजारों में जाकर महंगे दामों पर बेचा जा रहा है। जबकि उनके दाम बहुत कम है। उन्होंने बताया कि वह बाजार में खुद भी पहले महंगे दामों पर सब्जी बेचते थे। काम बिल्कुल कम हो गया था। ग्राहक भी महंगे दाम सुनकर नहीं आते थे। ऐसे में विचार आया कि अब सस्ते दामों पर बेचकर ही पैसा कमाएंगे, ताकि लोग सब्जियां खरीदे। दो से तीन रुपये किलो कमा लेते हैं, इतना बहुत है।
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