
सोसायटी द्वारा करोड़ों रुपये की ठगी को लेकर पीड़ित जमाकर्ताओं ने जिला सचिवालय के बाहर बाबा अम्बेडकर की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया। जमाकर्ताओं ने सोसायटी मुर्दाबाद के नारे लगाकर प्रदर्शन कर सोसायटी के संचालकों पर ठगी के आरोप लगाए। मनोज कुमार गुलिया ने बताया कि उन्होंने वेलफेयर कोऑपरेटिव सोसायटी बारे चंडीगढ़ व सहकारिता मंत्रालय विभाग पर सोसायटी के बारे आर टी आई लगाकर जानकारी ली थी।
पानीपत में लगभग 5 एजेंटों के खिलाफ मामले दर्ज
आरटीआई से मिली जानकारी को दिखाते हुए मनोज ने बताया कि आरटीआई ने विभाग ने बताया कि सोसायटी को हरियाणा में किसी तरह की स्वीकृति नहीं है। ज्यादा जानकारी के लिए सहकारिता मंत्रालय दिल्ली से जानकारी लें। सहकारिता मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी की कॉपी दिखाते हुए मनोज ने बताया कि सोसायटी को हरियाणा में किसी भी तरह का लेनदेन की स्वीकृति नहीं दी गई।
जमाकर्ताओं ने जानकारी दी कि बड़े जमाकर्ताओं को सोसायटी के संचालकों द्वारा डराया जा रहा है। जमाकर्ताओं ने बताया कि सोसायटी के बड़े लोग अपने आप को जमाकर्ता बता कर एजैंटो व जमाकर्ताओं के मिल कर शिकायत दें रहें है। सीटू वालों से भी अनुरोध किया है कि वे हमारी मदद करें। जिला पानीपत में लगभग 5 एजेंटों के खिलाफ मामले दर्ज हो चुके हैं।
मंत्रालय की स्वीकृति का नाम लेकर दिया झांसा
जमाकर्ताओं ने बताया कि सोसायटी के एजेंटों व संचालकों द्वारा सहकारिता मंत्रालय के मंत्री अमित शाह का झांसा देकर जमा कर्ताओं से मेहनत की कमाई जमा करवाई और अब सोसाइटी बंद करके फरार हो गए है। उन्होंने बताया कि आरोपियों ने हरियाणा के हाल में मुख्यमंत्री व पूर्व में प्रदेश अध्यक्ष रहे नायब सिंह सैनी की समिति की उद्घाटन की तस्वीर दिखाकर जमा कर्ताओं को प्रेरित किया। उक्त लोगों के झांसे में आकर ही जमाकर्ताओं ने अपनी जमा पूंजी सोसाइटी में जमा करवाई जो आज जमाकर्ता भटक रहे है।
सोसायटी का नेटवर्क यूपी. से लेकर एमपी. तक फैला हुआ
पानीपत के अंदर लगभग 20-25 ब्रांच सागा ग्रुप की सोसायटी द्वारा खोली गई थी। जो भारत में लगभग ढाई सौ ब्रांच काम कर रही है। उन्होंने एक दस्तावेज दिखाते हुए बताया कि सागा ग्रुप की लगभग 8 व 9 सोसायटी काम कर रही थी। एक के बाद एक दूसरी सोसायटी काम करने लगती थी। हरियाणा में लगभग 70 से 80 हजार करोड़ रुपए का लेनदेन हुआ है जो लोग भटक रहे हैं।
जमाकर्ताओं ने बताया कि सोसायटी द्वारा उत्तराखंड में भी 200 करोड़ रुपये के फ़्रॉड करने का मामला सामने आया है जिसमें मामला दर्ज हो चुका है। उन्होंने बताया कि सोसायटी का नेटवर्क यूपी. से लेकर एमपी तक फैला हुआ है। ऐसे में लोगों की लूटी गई राशि को दिलवाने का प्रयास सरकार को करना चाहिए।
हरियाणा में नहीं थी स्वीकृति
जमाकर्ताओं व आर टी आई कार्यकर्ता मनोज ने बताया कि आरटीआई द्वारा ली गई जानकारी से पता चला है कि हरियाणा में राशि जमा करने व लेन देन का कोई भी कार्य करने की सोसायटी को कोई स्वीकृति नहीं थी फिर सोसायटी लगभग 12 साल से कार्य कैसे करती रही। यह बड़ा फ्रॉड है इसकी उच्च स्तरीय जांच की जानी चाहिए।
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