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The Haryana Story | ब्रह्मसरोवर की फ़िज़ाओं में अलग-अलग प्रदेशों के सांस्कृतिक रंगों की महक लेकर पहुंचे कलाकार, शेड्यूल जारी

ब्रह्मसरोवर की फ़िज़ाओं में अलग-अलग प्रदेशों के सांस्कृतिक रंगों की महक लेकर पहुंचे कलाकार, शेड्यूल जारी

गीता नगरी के ब्रह्मसरोवर तट की फ़िज़ाओं में अलग-अलग प्रदेशों के सांस्कृतिक रंगों की महक लेकर उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला केंद्र की तरफ से 6 प्रदेशों के कलाकार पहुंच चुके

धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव- 2025 आगाज़ हो चुका है, इस महोत्सव की खासियत है कि यहां जहां भारत के अलग -अलग राज्यों की शिल्प कला और सांस्कृतिक हुनर का संगम देखने को मिलता है, तो देश भर से पर्यटक भी पहुँचते हैं, इतना ही नहीं विदेशों से भी पर्यटक गीता जयंती महोत्सव का लुत्फ़ उठाने पहुंचते है। गीता नगरी के ब्रह्मसरोवर तट की फ़िज़ाओं में अलग-अलग प्रदेशों के सांस्कृतिक रंगों की महक लेकर उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला केंद्र की तरफ से 6 प्रदेशों के कलाकार पहुंच चुके है। 

15 नवंबर से 24 नवंबर तक 101 कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे

इस महोत्सव में 5 दिसंबर तक ब्रह्मसरोवर के घाटों के पर एनजेडसीसी के कलाकार अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे। इसके लिए 4 बैचों में महोत्सव के शेड्यूल को बांटा गया है ताकि पर्यटकों का लगातार मनोरंजन किया जा सके। उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला केंद्र पटियाला के अधिकारी भूपेंद्र सिंह ने बताया कहा कि सरकार के आदेशानुसार अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में पिछले कई सालों से लगातार एनजेडसीसी के कलाकार देश विदेश से आने वाले पर्यटकों का मनोरंजन कर रहे है। इन सांस्कृतिक कार्यक्रमों को देखने के लिए ब्रह्मसरोवर के घाटों पर हर किसी के कदम रुक जाते है। यहां आने वाले पर्यटक इन कलाकारों का इंतजार करते है। उन्होंने कहा कि एनजेडसीसी संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के आदेशानुसार 15 नवंबर से 24 नवंबर तक 101 कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे। 

उत्तर प्रदेश के 13 कलाकार मानरा नृत्य व अवध की होली प्रस्तुत करेंगे

इनमें हिमाचल प्रदेश के 15 कलाकार लुड्डी व गिद्दा, राजस्थान के 11 कलाकार कालबेलिया, लांगा गायन व भवई नृत्य, जम्मू-कश्मीर के 15 कलाकार डोगरी, जागरना, पंजाब के 15 कलाकार भांगड़ा, जिंदवा और झूमर तथा उत्तराखंड के 15 कलाकार छपेली, गसीयारी नृत्य की प्रस्तुतियां देंगे। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश के 13 कलाकार मानरा नृत्य व अवध की होली प्रस्तुत करेंगे तथा पंजाब से बाजीगर ग्रुप और राजस्थान के कलाकार भी अपनी प्रस्तुतियां देंगे। उन्होंने कहा कि 25 नवंबर से 29 नवंबर तक हिमाचल प्रदेश का झमकदा, उत्तराखंड के कलाकार बरसाना की होली व ठाडिया चौफला, महाराष्ट्र के कलाकार सोंगी मुखवाटे, त्रिपुरा के कलाकार होजागिरी, छत्तीसगढ़ के कलाकार पांथी, गौड मारिया व पांडवानी गायन, जम्मू- कश्मीर के कलाकार राउफ, पंजाब के कलाकार गतका की प्रस्तुतियां देंगे।

चारों बैचों में लगभग 450 कलाकार पर्यटकों के मन को लुभाने का काम करेंगे

इस महोत्सव में तीसरा बैच 30 नवंबर से 2 दिसंबर तक उत्तर प्रदेश के कलाकार डेदिया, मध्यप्रदेश के कलाकार गुडुम बाजा, लद्दाख के कलाकार जबरो व फ्लॉवर डांस, गुजरात के कलाकार गरबा, झारखंड के कलाकार पुरलिया चाहु, मणिपुर के कलाकार पूंग चूलम, ढोल चूलम व थांगाटा, सिक्किम के कलाकार तमांग सेलो व नेपाली नृत्य, ओडिसा के कलाकार घुगकुडु व संबलपुरी नृत्य तथा मेघालय के कलाकार वांगला नृत्य की प्रस्तुतियां देंगे। सांस्कृतिक अधिकारी भूपेंद्र सिंह ने कहा कि चौथा बैच 1 दिसंबर से लेकर 5 दिसंबर तक अपनी- अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे, जिनमें पंजाब के कलाकार झूमर, जम्मू-कश्मीर के कलाकार धमाली तथा पंजाब का बाजीगर ग्रुप अपनी प्रस्तुतियां देगा। इस प्रकार चारों बैचों में लगभग 450 कलाकार अपनी सांस्कृतिक विधाओं के माध्यम से पर्यटकों के मन को लुभाने का काम करेंगे।

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