
रोहतक के गांव टिटौली निवासी पहलवान लड़की अंतिम कुंडू ने किर्गिस्तान में चल रही सीनियर एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य पदक अपने नाम किया है। यह उपलब्धि उन्होंने महज 18 साल की उम्र में हासिल की है। अंतिम कुंडू ने किर्गिस्तान में प्रतिद्वंद्वी पहलवानों को धूल चटाकर यह कमाल किया है।
अंतिम कुंडू की सफलता की कहानी काफी प्रेरणादायक है। साढ़े चार साल पहले ही कुश्ती खेलना शुरू करने वाली अंतिम ने कड़ी मेहनत और प्रतिदिन घंटों अभ्यास करके यह उपलब्धि हासिल की है। अंतिम के पिता की मौत हो चुकी है, ऐसे में उन्होंने आर्थिक और अन्य परेशानियों को झेलते हुए अपने सपनों को साकार करने के लिए लगातार मेहनत की है।
अब अंतिम कुंडू ने ओलंपिक के लिए अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। उन्हें उम्मीद है कि वह ओलंपिक के लिए चयनित हो पाएंगी। रेसलिंग अकेडमी टिटौली के संचालक सुरेश कुमार ने बताया कि अंतिम के अलावा कई अन्य लड़कियां भी अभ्यास कर रही हैं और उनसे भी उम्मीद है कि वे अपने प्रदर्शन से देश का नाम रोशन कर सकेंगी।
अंतिम कुंडू की सफलता से न केवल उनके गांव, बल्कि पूरे रोहतक जिले को गर्व महसूस हो रहा है। उनके इस उपलब्धि ने एक बार फिर यह साबित किया है कि जब चाहो तो आप किसी भी ऊंचाई को छू सकते हो। अंतिम कुंडू का यह कांस्य पदक न सिर्फ उनके लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है।
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