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Bhupinder Hooda : हार के डर से नारायणगढ़ और करनाल से पलायन कर लाडवा पहुंचे मुख्यमंत्री, यहां भी हार तय

Bhupinder Hooda : हार के डर से नारायणगढ़ और करनाल से पलायन कर लाडवा पहुंचे मुख्यमंत्री, यहां भी हार तय

मेवा सिंह को जिताकर आने वाली सरकार में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी सुनिश्चित करेगी लाडवा की जनता

प्रतीकात्मक तस्वीर

लाडवा में हुड्डा कहा है कि हार के डर से बीजेपी के मुख्यमंत्री को पहले अपने गृह क्षेत्र नारायणगढ़ और अब अपने निर्वाचन क्षेत्र करनाल को छोड़कर लाडवा पलायन करना पड़ा। लेकिन उनकी लाडवा में भी हार तय है। क्योंकि नायब सैनी ने सांसद रहते हुए कभी ना लाडवा में कोई विकास कार्य करवाया और ना ही वो किसी गांव में हालचाल पूछने गए। इसलिए जनता कांग्रेस उम्मीदवार मेवा सिंह को भारी मतों से जिताने जा रही है।

क्योंकि विपक्ष में रहते हुए उन्होंने अपने हलके की आवाज को जोर-शोर से विधानसभा में उठाया है। अब आने वाली कांग्रेस सरकार में लाडवा की महत्वपूर्ण साझेदारी होने जा रही है। इसलिए दूसरे दलों से चुनाव लड़ रहे वोट काटुओं से भी बचकर रहने की जरूरत है। क्योंकि ये सभी भाजपा के मोहरे हैं। इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने लाडवा से कांग्रेस उम्मीदवार मेवा सिंह और शाहबाद से उम्मीदवार रामकरण काला के लिए जनसभाएं कर वोट मांगे। 

एक वोट से दो विधायक चुनेगी शाहबाद की जनता 

हुड्डा ने शाहबाद में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस उम्मीदवार रामकरण काला को मिलने वाली हरेक वोट मेरे हिस्से में भी जाएगी। एक वोट से शाहबाद की जनता दो विधायक चुनेगी, एक मुझे और दूसरे रामकरण काला। शाहबाद से कांग्रेस की जीत इलाके के किसानों को मजबूती देगी। क्योंकि बीजेपी हर कदम पर किसानों के साथ धोखा किया है। किसानों की आमदनी दोगुनी करने का वादा करके उनकी लागत कई गुणा बढ़ा दी। बीजेपी के खाद, बीज, दवाई और कीटनाशकों पर जीएसटी थोपकर उनकी कीमत आसमान पर पहुंचा दी। ऊपर से किसानों पर 3 कृषि कानून थोप दिए गए। भाजपा ने किसानी और जवानी को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

युवा भर्तियों का इंतजार, तो किसान मंडी में धान खरीद का कर रहे इंतजार

यही वजह है कि आज बेरोजगार युवाओं को ज्वाइनिंग की और किसानों को धान खरीद की तारीख पर तारीख मिल रही है। युवा भर्तियां पूरी होने का इंतजार कर रहे हैं तो किसान मंडी में धान खरीद का इंतजार कर रहे हैं।

बीजेपी दोनों ही मोर्चों पर नाकाम साबित हुई है। लोगों को संबोधित करते हुए हुड्डा ने दोहराया कि भाजपा संविधान और आरक्षण विरोधी मानसिकता से पीड़ित है। भाजपा ने पक्की नौकरियां खत्म करके और कौशल निगम को लागू करके दलित-पिछड़ों के आरक्षण पर डाका डाला है। इसी तरह बीजेपी ने 5000 सरकारी स्कूलों को बंद करके और सरकारी शिक्षा तंत्र को निजी हाथों में सौंपकर भी सबसे बड़ा आघात वंचित वर्गों के आरक्षण पर पहुंचाया है। 

जनता इस बार बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने का मन बना चुकी

आरक्षण का लाभ सरकारी शिक्षा और नौकरियों में ही मिलता है, लेकिन भाजपा इन दोनों को ही खत्म करने पर तुली है। लेकिन अब बीजेपी की इस संविधान विरोधी नीति पर अंकुश लगाने का वक्त आ गया है। जनता इस बार बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने का मन बना चुकी है। हुड्डा ने कहा कि संविधान और आरक्षण बचाने की यह लड़ाई हमारे लिए राजनीतिक ही नहीं बल्कि निजी भी है।

मेरे लिए गर्व की बात है कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के बनाए जिस संविधान ने दलित-पिछड़ों को आरक्षण दिया, उस पर मेरे पिता स्व. चौ. रणबीर सिंह हुड्डा के भी हस्ताक्षर हैं। उन्होंने भी बाबा साहेब के नेतृत्व में संविधान निर्मात्री सभा में बतौर सदस्य काम किया है। इसलिए हम किसी भी सूरत में बीजेपी के संविधान व आरक्षण विरोधी मंसूबों को कामयाब नहीं होने देंगे।

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