हरियाणा विधानसभा चुनाव प्रचार के आखिरी दिन भी भाजपा को बड़ा झटका लगा। दरअसल, पूर्व सांसद अशोक तंवर ने कांग्रेस थाम भाजपा को बड़ा झटका दिया है। आपको बता दें अशोक तंवर ने कांग्रेस में वापसी कर ली। दरअसल, महेंद्रगढ़ में एक रैली के दौरान राहुल गांधी ने उन्हें पार्टी में शामिल किया, जिसके बाद भाजपा लगातार अशोक तंवर पर हमलावर है। अशोक तंवर गुरुवार को राहुल गांधी की रैली में शामिल हुए और वहीं से उनकी कांग्रेस की वापसी की घोषणा की गई।
घंटे भर पहले ही अशोक तंवर ने भाजपा कैंडिडेट के लिए प्रचार किया था
दिलचस्प बात ये है कि कांग्रेस में शामिल होने के तकरीबन घंटे भर पहले ही अशोक तंवर ने भाजपा कैंडिडेट के लिए प्रचार किया था, BJP की जीत का दावा किया था। खैर ये राजनीति है ही ऐसी चीज़, क्योंकि राजनीति में कभी भी किसी से कोई दुश्मनी या फिर बैर नहीं होता। राजनीति में ऊंट कब और किस करवट बैठ जाए कुछ कहा नहीं जा सकता, चुनावी दौर में तो ये संभावनाएं हमेशा बनी ही रहती हैं। कभी भी कुछ भी हो सकता है, ना जाने कब किस नेता की अपनी पार्टी की बजाए दूसरी पार्टी में आस्था जाग जाए। हरियाणा में चल रहे विधानसभा चुनाव में भी रोजाना ऐसे नजारे देखने को मिल रहे हैं।
कांग्रेस में जाते-जाते भाजपा के लिए कर गए दो रैली
बता दें कि अशोक तंवर का नाम भाजपा की स्टार प्रचारक सूची में शामिल था, इसलिए वो भाजपा प्रत्याशियों के लिए चुनाव में सक्रिय थे। इतना ही नहीं अशोक ने चुनाव प्रचार के अंतिम दिन गुरुवार को नलवा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार रणधीर पनिहार में रैली की। उसके पहले जींद के सफीदों में बीजेपी प्रत्याशी रामकुमार गौतम के पक्ष में जन आशीर्वाद रैली को संबोधित किया। इन रैलियों में अशोक तंवर 5 अक्टूबर को कमल के फूल का बटन दबाकर भाजपा प्रत्याशियों को विजयी बनाने की अपील कर रहे थे। तकरीबन घंटे भर बाद उन्हें महेंद्रगढ़ में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की रैली में देखा गया।
कांग्रेस परिवार ने किया अशोक का स्वागत
कांग्रेस ने अपने आधिकारिक 'X' अकाउंट पर अशोक तंवर के पार्टी में वापस आने की घोषणा की। पोस्ट में लिखा गया- 'कांग्रेस ने लगातार शोषितों, वंचितों के हक की आवाज उठाई है और संविधान की रक्षा के लिए पूरी ईमानदारी से लड़ाई लड़ी है। हमारे इस संघर्ष और समर्पण से प्रभावित होकर आज बीजेपी के वरिष्ठ नेता, पूर्व सांसद, हरियाणा में बीजेपी की कैंपेन कमेटी के सदस्य और स्टार प्रचारक अशोक तंवर कांग्रेस में शामिल हो गए। दलितों के हक की लड़ाई को आपके आने से और मजबूती मिलेगी। कांग्रेस परिवार में आपका (अशोक तंवर) फिर से स्वागत है, भविष्य के लिए शुभकामनाएं।'
अशोक तंवर भाजपा में भी बोझ बने हुए थे
इसी के चलते बीजेपी नेता सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा, अशोक तंवर भाजपा में भी बोझ बने हुए थे। सीटिंग सांसद सुनीता दुग्गल का टिकट काटकर उन्हें टिकट दिया गया था, जबकि वो लाखों वोटों से भी जीती थी। अच्छा सिला दिया उन्होंने हमारे प्यार का। शाहनवाज हुसैन ने आगे कहा, “अशोक तंवर को कांग्रेस में जाने पर क्या फायदा? वहां जाकर भी उन्हें कुछ नहीं मिलेगा। उन्होंने अशोक पर तंज कस्ते हुए आगे कहा, जो लोग ज्यादा दल बदलते हैं उन्हें ज्यादा दिक्कत होती है।
पांच साल में इतनी बार बदल चुके दल
नितीश कुमार की तरह अशोक तंवर भी चर्चाओं में हैं। दरअसल, अशोक तंवर ने करीब पांच साल पहले पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मतभेद के बाद कांग्रेस छोड़ी थी। इसके बाद उन्होंने अपना भारत मोर्चा नाम से पार्टी बनाई। इसके बाद भी 23 नवंबर 2021 को वो ममता बनर्जी की टीएमसी पार्टी का हिस्सा बन गए।
कुछ महीनों बाद ही उनका टीएमसी से मोह भंग हो गया और वो 4 अप्रैल 2022 को आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए, लेकिन इस साल लोकसभा चुनाव से पहले अशोक तंवर 20 जनवरी 2024 को भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा ने उन्हें सिरसा लोकसभा सीट से मैदान में भी उतारा, लेकिन कुमारी सैलजा के सामने उन्हें हार का सामना करना पड़ा। अब एक बार फिर उन्होंने दल बदला और कांग्रेस का हिस्सा बन गए।
अशोक की वापसी में किस नेता की अहम भूमिका ?
हालांकि यह सारा घटनाक्रम पिछले कुछ दिनों से चल रहा था, लेकिन उजागर अब हुआ। इस पूरे घटनाक्रम में कांग्रेस के दिग्गज नेता अजय माकन की अहम भूमिका रही। अशोक तंवर रिश्ते में अजय माकन के बहनोई लगते हैं। अशोक ने भले पांच साल कांग्रेस से मुंह मोड़ा हुआ था, लेकिन उन्होंने किसी भी राजनीतिक मंच से कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ कभी भी कोई बयान नहीं दिया। सूत्रों के मुताबिक़ इनके मोबाइल में राहुल गांधी के मोबाइल नंबर के आगे GOD यानि भगवान लिखा हुआ हमेशा रहा है।
वहीं राजनीतिक परिस्थितियों के अनुसार कुमारी सैलजा के मंच पर कांग्रेस में ना जाकर राहुल गांधी और हुड्डा की मौजूदगी में कांग्रेस में तंवर की भावी रणनीति की ओर संकेत दे रहा है। अशोक तंवर जेएनयू के पूर्व छात्र नेता रहे हैं। राहुल गांधी की टीम में शामिल जेएनयू के अन्य छात्र नेताओं का भी तंवर पर पिछले काफी दिनों से पार्टी में वापसी करने को लेकर दबाव था।
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