
पंचायत की पिनगवां कस्बे में 21 दुकान है जिन पर अवैध तरीके से लोग बैठे हुए थे। उनको खाली कराकर उनमें पंचायत का ताला लगाकर सील लगा दी गई है। नूंह जिले की सबसे ज्यादा मुनाफे वाली पिनगवां पंचायत की दुकानों पर बीडीपीओ सुरजीत सिंह ने भारी पुलिस बल के साथ अवैध कब्जा किए गए लोगों को हटाने के लिए पीला पंजा चलाया, जबकि इन दुकानों पर पिछले 15 सालों से अपनी दुकान खोलकर बैठे दुकानदारों ने इस कार्यवाही को गलत व बगैर किसी नोटिस के सरपंच व बीडीपीओ की तानाशाही बताया है।
कुछ लोगों ने दुकान खाली नहीं की
आपको बता दें कि पिनगवां पंचायत हरियाणा की उन पंचायतों में शुमार है,जिनकी अपनी पंचायत की आमदनी करोड़ों रुपए में है। पंचायत की पिनगवां कस्बे में मेन रोड पर 81 दुकानें हैं। जिनको जिनको प्लेस पर छोड़ा जाता है। 2 साल पहले पंचायत की सभी दुकानों पर खुली बोली लगाई गई थी, जिनको लोगों ने खुली बोली लगाकर लीज पर लिया था। लेकिन सरपंच का आरोप है कि कुछ लोगों ने दुकान खाली नहीं की और उन पर कब्जा किया हुआ था जिसकी उन्होंने बीडीपीओ कार्यालय, डीसी और हरियाणा एवं पंजाब हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।
भारी पुलिस बल के साथ दुकानों को खाली कराया
उन्होंने कहा कि आज बीडीपीओ के नेतृत्व में अतिक्रमण हटाने का अभियान भारी पुलिस बल के साथ चलाया गया है, जिसमें अवैध तरीके से कब्जा की गई दुकानों पर दुकानदारों को हटाया जा रहा है। इस दौरान खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी सुरजीत सिंह ने कहा कि सरपंच द्वारा उन्हें शिकायत मिली कि कस्बे की ग्राम पंचायत की दुकानों पर कुछ लोगों द्वारा अवैध कब्जा किया गया है और जिन लोगों ने बोली लगाई थी उनके लिए दुकान नहीं छोड़ रहे हैं। आज भारी पुलिस बल के साथ दुकानों को खाली कराया गया है।
लोगों में रोष
जहां कस्बे के लोगों में इस कार्रवाई को देखकर लगा कि शहर के मैन रोड से पूरा अवैध कब्जा व अतिक्रमण हटेगा, वहीं कुछ दुकानों पर ही सिर्फ अतिक्रमण हटा, जिससे शहर के लोगों में इसको लेकर रोष देखा गया। वहीं दुकानदारों ने बताया कि उन्हें बगैर किसी नोटिस के उनकी दुकानों के सामने लगे सामान को तोड़ा गया है और यह एक तरफा कार्रवाई हुई है। उन्होंने कहा कि उनके साथ अत्याचार हो रहा है। उन्होंने समय-समय पर अपनी दुकानों का किराया दिया है और सरपंच को पैसे दिए गए हैं। लेकिन राजनीति के चलते उनकी दुकानों को तोड़ा जा रहा है।
क्या कहते हैं बीडीपीओ
इस बारे में जब बीडीपीओ से पूछा तो उन्होंने भी कहा कि पंचायत की 21 दुकान है जिन पर अवैध तरीके से लोग बैठे हुए थे। उनको खाली कराकर उनमें पंचायत का ताला लगाकर सील लगा दी गई है। एक हफ्ते बाद जो असली दुकान के हकदार हैं उनको दुकान सौंप दी जाएगी।