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The Haryana Story | IAS अधिकारी के बयान पर बवाल : सड़कों पर उतरा ब्राह्मण समाज, 72 घंटे बाद बड़े आंदोलन की चेतावनी

IAS अधिकारी के बयान पर बवाल : सड़कों पर उतरा ब्राह्मण समाज, 72 घंटे बाद बड़े आंदोलन की चेतावनी

IAS के विवादित बोल पर ब्राह्मण समाज ने प्रधानमंत्री के नाम जिला प्रशासन को सौंपा ज्ञापन, 72 घंटे में कानूनी कार्यवाही नहीं हुई तो प्रदेश स्तरीय महापंचायत कर आंदोलन की करेंगे घोषणा

मध्य प्रदेश में आईपीएस अधिकारी के विवादित और सियासी बयान ने पुरे देश में तहलका मचा दिया है, उनके बयान पर चारों और थू-थू हो रही है। विभिन्न राज्यों में न केवल ब्राह्मण समाज बल्कि अन्य हर कोई उनके द्वारा दिए गए बयान की घोर निंदा कर रहा है। हरियाणा भी इससे अछूता नहीं है। हरियाणा भर में ब्राह्मण समाज के लोगों का गुस्सा चरम पर है। कई जिलों में मध्य प्रदेश में आईपीएस अधिकारी पर कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन के साथ प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपे गये। पानीपत में ब्राह्मण समाज के लोगों ने प्रदर्शन कर तहसीलदार को ज्ञापन सौंप कर मांग की है कि इस आईएएस अधिकारी के खिलाफ  सख्त कार्रवाई की जाए। इस अवसर पर प्रदर्शन का नेतृत्व ब्राह्मण महासंघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष रोहित गौतम और सरंक्षक एडवोकेट ऋतु मोहन ने किया। तहसीलदार ने ब्राह्मण समाज के लोगों को आश्वासन दिया कि वह उनका ज्ञापन सरकार तक पहुंचा देंगे।

IAS संतोष के इस बयान पर मचा बवाल 

बता दें कि मध्य प्रदेश में कृषि विभाग की उपसचिव आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा ने मध्यप्रदेश अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति अधिकारी कर्मचारी संघ का रविवार, 23 नवंबर 2025 को भोपाल के अंबेडकर पार्क में एक प्रांतीय सम्मेलन हुआ। इस सम्मेलन में सरकारी विभागों से मूलभूत समस्याओं को खत्म कर आरक्षित वर्ग को एकजुट करने का ऐलान किया गया। वहीं इस सम्मेलन में सरकारी विभागों में अधिकारी और कर्मचारियों के प्रमोशन में आरक्षण का मुद्दा भी उठा, जिसमें IAS संतोष वर्मा को 'अजाक्स' का प्रदेश अध्यक्ष भी नियुक्त किया गया।

इसी कार्यक्रम में संतोष वर्मा ने ब्राह्मणों पर आपत्तिजनक टिप्पणी की और कहा  कि 'जब तक कोई ब्राह्मण उन्हें अपनी बेटी दान में न दे दे और ब्राह्मणों की बेटी उसके बेटे के साथ शारीरिक संबंध ना बना ले तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए।' आईएएस संतोष वर्मा ने कहा कि ‘मैं तब तक यह बात नहीं मानूंगा कि एक परिवार में एक व्यक्ति को आरक्षण मिलना चाहिए, जब तक कि मेरे बेटे को कोई ब्राह्मण अपनी बेटी दान न कर दें, या उससे उसका संबंध न बना ले। केवल आर्थिक आधार की बात है तो। जब तक रोटी-बेटी का व्यवहार नहीं होता, तब तक समाज के पिछड़ेपन के कारण आरक्षण की पात्रता मिलती रहेगी।’

72 घंटे में कार्यवाही करने की चेतावनी 

वहीं देश का ब्राह्मण समाज इस बयान को अपने खिलाफ मानता है और इसको लेकर के अब पूरे हरियाणा में ब्राह्मण समाज इनके खिलाफ प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपने का काम कर रहा है। वहीं सभी वक्ताओं द्वारा सरकार को मीडिया के माध्यम से चेतावनी दी कि 72 घंटे में उक्त अधिकारी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही नहीं हुई तो प्रदेश स्तरीय महापंचायत कर आंदोलन की घोषणा की जाएगी।

मामले पर संज्ञान नहीं लिया तो तूल पकड़ने के बाद जातिगत भेदभाव बढ़ेगा

ब्राह्मण महासंघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष रोहित गौतम ने कहा कि ऐसा बयान महिलाओं के अधिकार और स्त्री गरिमा के विपरीत और जातिगत कटाक्ष से भरा हुआ है। संस्था का कहना है कि इस तरह की टिप्पणी सामाजिक सौहार्द और प्रशासनिक मर्यादा के खिलाफ है। यदि समय पर शासन प्रशासन इस मामले पर संज्ञान नहीं लेगा तो मामला ने तूल पकड़ने के बाद जातिगत भेदभाव बढ़ेगा। उन्होंने बताया कि  उक्त अधिकारी शायद भूल बैठे है जब आईएएस बनते हैं उस समय एक शपथ दिलाई जाती है देश के संविधान की किताब पर हाथ रखकर कि जातिपाती या वर्णभेद से ऊपर उठकर सबके लिए कार्य करूंगा! ऐसा बयान देश की बहन बेटियों का तो अपमान है ही बल्कि देश के संविधान का भी अपमान है।

क्या कहते हैं एडवोकेट

एडवोकेट रितु मोहन ने मांग की कि मध्य प्रदेश सरकार इस गंभीर मामले पर तुरंत संज्ञान लेकर उक्त अधिकारी को तुरंत प्रभाव से बर्खास्त कर जेल भेजा जाए, ताकि देश में जातिगत मतभेद न फैले। यदि शासन प्रशासन जल्द इस पर कार्यवाही नहीं करता तो संस्था जल्द आईएएस पर मामला दर्ज कराएगी और आंदोलन का रास्ता अपनाएगी। जब तक उक्त अधिकारी को जेल न हो। बहन बेटियों का अपमान सहन नहीं होगा, समाज बड़े आंदोलन करने को भी तैयार है। 

संतोष वर्मा का विवादों से गहरा नाता

प्रदर्शन के दौरान वक्ताओं ने संतोष वर्मा को लेकर कहा कि संतोष पर 2021 में प्रमोशन के फर्जी डॉक्यूमेंट बनाने का आरोप लगा था। उन पर आरोप था कि आईएएस कैडर मिलने के बाद विभागीय पदोन्नति  समिति की रिपोर्ट पर विशेष जज विजेंद्र रावत के दस्तखत की नकली प्रति बनाई गई। इंदौर में 27 जून 2021 को उन पर केस कर आधी रात को पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था। सस्पेंशन के बाद संतोष वर्मा ने कई महीने जेल में बिताए और बाद में जमानत पर रिहा किए गए।

महिला से रिश्तों का मामला भी उछला

इतना ही नहीं संतोष वर्मा का एक महिला के साथ रिश्तों का मामला भी उछला था। उस महिला ने यौन शोषण का आरोप लगाते हुए कहा कि सिविल सेवा की तैयारी के दौरान मिलने के बाद उनका संबंध बन गया। वो पति और पत्नी की तरह सरकारी आवास में रहते थे, लेकिन बाद में खुलासा हुआ कि संतोष वर्मा पहले से शादीशुदा हैं। महिला ने 2016 में थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें यौन शोषण और धोखेबाजी का आरोप लगाया गया। इस अवसर पर जिला बार एसोसिएशन के सचिव संदीप शांडिल्य एडवोकेट, वीरेंद्र राणा, सतपाल राणा, एडवोकेट अनिल अत्री, प्रवीण अत्री, जितेंद्र शास्त्री, रविंद्र कुमार, सतपाल शर्मा ददलाना, संदीप, दीपक शर्मा, मुकेश शर्मा, सतीश वत्स, संतोष राऊत, हरिओम गुप्ता, एडवोकेट नवीन वशिष्ठ, सचिन शर्मा, एडवोकेट सुनील शर्मा, संजीव शर्मा, आदेश शर्मा, सुनील भारद्वाज, राजेश शर्मा, सतीश शर्मा, शिव कुमार, पुरूषोतम शर्मा, अङ्क्षकत पांडे आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

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