भिवानी ज़िले की एक शिकायतकर्ता द्वारा दर्ज शिकायत पर मुख्यमंत्री ने सख़्त कार्रवाई की। महिला का आरोप नायाब तहसीलदार आलमगीर तथा पटवारी ललित कुमार के ऊपर था। अधिकारी सम्पत्ति के इंतकाल में देरी कर रहे थे तथा इनके द्वारा कार्रवाई की ग़लत रिपोर्ट प्रस्तुत की गई थी। इस मामले में मुख्यमंत्री ने तहसीलदार और पटवारी को तुरंत प्रभाव से निलंबित करने के आदेश दिए। साथ ही दोनों के विरुद्ध नियम 7 के तहत कार्रवाई भी करने के निर्देश दिए हैं।
कमला देवी जो भिवानी की निवासी हैं। उन्होंने अपने पिता के देहांत के बाद उनकी रजिस्टर्ड वसीयतनामा के अनुसार संपत्ति का इंतकाल उनके व उनकी बहन के नाम किए जाने के संबंध में सीएम विंडो पर यह शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत को ध्यान में लेते हुए सीएम विंडो मुख्यालय द्वारा संबंधित नायब तहसीलदार से रिपोर्ट माँगी गई।
ग़लत रिपोर्ट दर्ज कराई नायब तहसीलदार आलमगीर ने पटवारी ललित कुमार की रिपोर्ट दिखाते हुए सीएम विंडों पर रिपोर्ट दर्ज कराई कि संबंधित ज़मीन का इंतकाल करके शिकायतकर्ता को उसकी कॉपी की प्राप्ति कॉपी दे दी गई है। जबकि वास्तव में कमला देवी को कोई कॉपी नहीं मिली।
तहसीलदार पर 20,000 का जुर्माना
नायब तहसीलदार पर 20,000 रुपया का जुर्माना लगाया जा चुका है। हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग द्वारा इंतकाल के लिए निर्धारित समयावधि में इंतकाल न होने के चलते संबंधित तहसीलदार पर यह जुर्माना लगाया गया है। शिकायतकर्ता कमला देवी को 5 हज़ार रुपये का मुआवज़ा देने के भी आदेश दिए गए हैं।
सीएम विंडों पर ग़लत रिपोर्ट प्रस्तुत की
जाँच में यह पता चला है कि नायब तहसीलदार और पटवारी ने सीएम विंडों पर ग़लत रिपोर्ट प्रस्तुत की। इसी के चलते मुख्यमंत्री ने नायब तहसीलदार आलमगीर और पटवारी ललित कुमार को तुरंत प्रभाव से निलंबित करने के साथ-साथ नियम 7 के विरुद्ध कार्रवाई करने के आदेश भी दिए हैं। इसके साथ राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव तथा वित् आयुक्त राजस्व को मामले में की गई कार्यवाही की रिपोर्ट 10 दिन के अंदर-अंदर भिजवाने के निर्देश दिए गए हैं।
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