
हरियाणा में पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला की पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी पर रविवार सायं कुछ लोगों ने करीब 40 राउंड गोलियां चलाईं। झज्जर जिले में बहादुरगढ़ के बराही फाटक के पास हुए हमले में राठी और उनके एक कार्यकर्ता की मौत हो गई, जबकि 2 सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। घायलों को तुरंत बहादुरगढ़ के ब्रह्म शक्ति संजीवनी अस्पताल लाया गया। जहां इनेलो प्रदेश अध्यक्ष एवं बहादुरगढ़ से पूर्व में दो बार विधायक रहे नफे सिंह राठी को मृत घोषित कर दिया गया। वहीं उनके समर्थक जयकिशन दलाल मांडौठी की भी मौके पर ही मौत हो गई। वहीं उनके ड्राइवर और सुरक्षा कर्मी को भी कई गोलियां लगी हैं। उनकी हालत भी काफ़ी गम्भीर बनी हुई है। घटना की सूचना मिलते ही झज्जर जिले के एसपी अर्पित जैन मौके पर पहुंचे और मामले की जांच शुरू करवाई गई। लेकिन पुलिस के हाथ अभी तक खाली है।
उसी तरफ गोलियां बरसाईं जिस तरफ राठी बैठे थे
जानकारी के अनुसार रविवार को नफे सिंह राठी अपनी फॉर्च्यूनर गाड़ी में अपने 3 गनमैन और ड्राइवर के साथ कहीं जा रहे थे। नफे सिंह राठी खुद ड्राइवर के साथ अगली सीट पर बैठे थे। पीछे की सीट पर उनके गनमैन थे। उनके काफिले में एक-दो गाड़ियां और भी थीं। शाम लगभग 5 बजे के आसपास जब नफे सिंह राठी की गाड़ी बराही रेलवे फाटक के पास पहुंची तो i-10 कार में आए कुछ हमलावरों ने राठी को निशाना बनाते हुए अचानक ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। हमलावरों ने फॉर्च्यूनर गाड़ी पर उसी तरफ गोलियां बरसाईं जिस तरफ राठी बैठे थे।
इस फायरिंग में राठी वाली साइड पर गाड़ी की बॉडी से कुल 6 बुलेट्स आर-पार हो गईं। कुछ गोलियां खिड़की के शीशे को तोड़कर भी राठी को लगीं। गाड़ी की पिछली सीट पर बैठे गनमैनों को टारगेट करते हुए जो फायरिंग की गई, उनमें से 4 गोलियां गाड़ी की बॉडी के आरपार हो गईं। कुछ बुलेट्स विंडो के कांच को तोड़कर भी सुरक्षाकर्मियों को लगीं।
सुरक्षाकर्मियों को संभलने तक का मौका नहीं मिला
सब कुछ इतना जल्दी हुआ कि राठी या उनके सुरक्षाकर्मियों को संभलने तक का मौका नहीं मिला। हमलावरों का टारगेट सीधे नफे सिंह राठी पर ही थे, इसलिए उन्होंने फॉर्च्यूनर गाड़ी पर सामने की तरफ से कोई फायरिंग नहीं की। यही वजह रही कि गाड़ी की विंडशील्ड को इस फायरिंग में कोई नुकसान नहीं पहुंचा। नफे सिंह राठी की हत्या को अंजाम देकर हमलावर बड़ी ही आसानी से मौके से फरार हो गए। झज्जर के एसपी अर्पित जैन ने कहा कि इस मामले की जांच के लिए क्राइम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (सीआईए) और स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को लगा दिया गया है। इस वारदात के पीछे गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और उसके करीबी काला जठेड़ी पर शक जताया जा रहा है। शुरुआती जांच में हत्या के पीछे प्रॉपर्टी का विवाद बताया जा रहा है।
बहादुरगढ़ ने अपना रखवाला खो दिया
इनेलो प्रदेशाध्यक्ष नफे सिंह राठी का 22 फरवरी को जन्मदिन था। अपने परिवार और समर्थकों के साथ जन्मदिन मनाया। पिता को खोने से बदहवास बेटे ने रोते हुए कहा कि उन्हे नहीं पता था कि उनके पिता के साथ उनका ये आखिरी जन्मदिन होगा। उन्होंने कहा कि आज बहादुरगढ़ ने अपना रखवाला खो दिया है। जितेन्द्र राठी ने कहा कि पिछले 6-7 महीने से उन्हे हमले का इनपुट मिल रहा था। उन्होंने पुलिस प्रशासन से सुरक्षा की मांग भी की थी लेकिन उन्हे सुरक्षा नहीं दी गई। जितेन्द्र ने कहा कि उनके पिता ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल से मिलकर भी सुरक्षा देने के लिए बात की थी लेकिन उन्होंने भी उन्हे सुरक्षा मुहैया नहीं करवाई। जितेन्द्र ने उनके पिता की हत्या के लिए जिम्मेदारों लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज करवाने की बात भी कही है।
नफे सिंह राठी ने पहले ही हत्या की आशंका के बारे में बताया था : अभय चौटाला
इंडियन नेशनल लोकदल के अभय चौटाला ने दावा किया है कि नफे सिंह राठी ने पहले ही हत्या की आशंका के बारे में बताया था। रविवार को दिल्ली के पास बहादुरगढ़ में नफे सिंह राठी और एक पार्टी कार्यकर्ता जय किशन की कुछ हमलावरों ने गोलियां मार हत्या कर दी थी। अभय चौटाला ने हरियाणा सरकार पर नफे सिंह राठी की जान को खतरा होने के बावजूद सुरक्षा ना देने का आरोप लगाया और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और गृह मंत्री अनिल विज के इस्तीफे की मांग की है। पीटीआई के हवाले से पत्रकारों से बात करते हुए अभय चौटाला ने घटना की सीबीआई जांच की भी मांग की और कहा, "दो बार के विधायक, जो हमारी राज्य इकाई के प्रमुख हैं को सुरक्षा प्रदान नहीं की गई थी।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और राज्य के गृह मंत्री को लिखा भी गया था कि उन्हें धमकियों का सामना करना पड़ रहा है और उन्हें सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए।" अभय चौटाला ने कहा कि राठी जी ने मुझे छह महीने पहले बताया था कि उसे कुछ पुलिस कर्मियों ने सूचित किया था कि उन्हें जान का खतरा है। बाद में मैंने एसपी झज्जर से भी फोन पर बात की और यह बात उनके संज्ञान में लाई। क्या उन्हें सुरक्षा प्रदान की गई थी? अगर ऐसा होता तो हमें यह दिन नहीं देखना पड़ता।
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