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ब्राह्मण समाज एकजुट होकर सही पटल पर रखे अपनी मांग : कार्तिकेय शर्मा

ब्राह्मण समाज एकजुट होकर सही पटल पर रखे अपनी मांग : कार्तिकेय शर्मा

राज्य सभा सांसद कार्तिकेय शर्मा ने करनाल में 5 मई को हो रहे भगवान परशुराम जयंती कार्यक्रम में पहुंचने का किया आह्वान

राज्य सभा सांसद कार्तिकेय शर्मा

जींद की ब्राह्मण धर्मशाला में शुक्रवार को ब्राह्मण सभा की एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर राज्य सभा सांसद कार्तिकेय शर्मा ने शिरकत की। कार्तिकेय शर्मा के बैठक में पहुंचने पर ब्राह्मण सभा के प्रधान धर्मवीर पिंडारा के नेतृत्व में सभी सदस्यों द्वारा फूल मालाएं पहनाकर भव्य स्वागत किया गया। इस मौके पर सभी ने करनाल में पांच मई को भगवान परशुराम की जयंती भव्य तरीके से मनाने का संकल्प लिया।

कुल 13 मांगें रखी गई थी, इनमें से 10 मांगें हुई पूरी

बैठक के पश्चात पत्रकारों से बातचीत के दौरान राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि भगवान परशुराम सबके भगवान थे। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सभी 36 बिरादरी के लोगों को आमंत्रित किया गया। उन्होंने कहा कि एक साल पहले करनाल में परशुराम महाकुंभ का आयोजन किया गया था। उसका उद्देश्य यह था कि जो ब्राह्मण समाज की मांगें हैं, उनको प्रमुखता से उठाया जाए। समाज की मांगें मनवाई जाएं। इस सम्मेलन में कुल 13 मांगें रखी गई थी। उन्हें इस बात की खुशी है कि इनमें से 10 मांगें पूरी हो चुकी हैं। जो बची हैं, उन मांगों पर भी कार्य जारी है और जल्द ही वो मांगें भी पूरी होंगी। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण समाज अपनी बात को सशक्त और एकत्रित होकर करे ताकि हमारी मांग को सुना जाए और इस पर तुरंत प्रभाव से अमल लाया जा सके। यह फैसला और ताकत पूरे समाज के अंदर है और ब्राह्मण समाज किसी से भी पीछे नहीं है।

बंद मुट्ठी सवा लाख की और खुली है खाक की : कार्तिकेय शर्मा

राज्य सभा सांसद कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि बंद मुट्ठी सवा लाख की और खुली है खाक की। इसलिए अब समय है कि ब्राह्मण समाज एकजुट हो। जब तक हम अपनी बात सही पटल पर नहीं करेंगे, वो मांग पूरी नहीं हो सकती। ब्राह्मण समाज ऐसी कोई भी मांग नहीं करता, जो समाज हित में न हो। इसलिए समाज एकजुट होकर अपनी मांग को रखे। क्योंकि ब्राह्मण समाज उतना ही हक मांग रहा है, जितना उसका हक है। उन्होंने समाज के लोगों से आह्वान किया कि पांच मई को ज्यादा से ज्यादा संख्या में करनाल पहुंचे और भगवान परशुराम के प्रति अपने स्नेह को प्रकट करें।

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