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The Haryana Story | 'बंद गली के आखिरी मकान ने झकझोरा'

'बंद गली के आखिरी मकान ने झकझोरा'

पाइट में चलो थियेटर उत्सव, कैबिनेट मंत्री महिपाल ढांडा ने कहा- मंच से जुड़ें बच्‍चे, होता है व्यक्तित्व का विकास, ढांडा ने कलाकारों को सम्मानित किया

प्रतीकात्मक तस्वीर

समालखा स्थित पानीपत इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (पाइट) में नेशनल स्‍कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) की रेपर्टरी टीम ने चलो थियेटर उत्सव के चौथे दिन धर्मवीर भारती लिखित कहानी बंद गली का आखिरी मकान पर झकझोर देने वाला नाटक प्रस्तुत किया। नाटक का निर्देशन प्रो.देवेंद्र राज अंकुर ने किया। डॉ.देवेंद्र राज ने एनएसडी से प्रशिक्षण प्राप्त किया है। संभव ग्रुप के संस्थापक डॉ.देवेंद्र ने संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। हरियाणा के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे। उन्होंने थियेटर के कलाकारों एवं स्टेज एप के संस्थापक विनय सिंघल को सम्मानित किया। 

बिरजा का बड़ा बेटा राघोराम साक्षात गऊ

प्रारंभ प्रमुख पात्र मुंशी जी की लंबी बीमारी के एक दिन से होता है। धीरे-धीरे मुंशी जी के माध्यम से ही विविध पारिवारिक एवं सामाजिक संबंधों का नए-नए अर्थों में रहस्योद्घाटन होता है। एक तरफ मुंशी जी हैं, दूसरी तरफ पंद्रह वर्ष पहले पति का घर छोड़ कर अविवाहित मुंशी जी के आसरे में आई बिरजा है। मुंशी जी कायस्थ हैं, तो बिरजा ब्राह्मण। बिरजा की मां हरदेई है जो मुंशी जी में भगवान के दर्शन करती है। बिरजा का बड़ा बेटा राघोराम साक्षात गऊ है, उसके व्यक्तित्व में पितृभक्ति भरी है।

कथा का अंत आते-आते मुंशी जी की नियति भी बंद गली के आखिरी मकान की तरह हो जाती

दूसरा बेटा हरिराम अपने आचार व्यवहार से सभी के लिए परेशानी खड़ी करता रहता है। इनके अलावा मुंशी जी से संबंधित और भी कई पात्र हैं उनके जीवन से जुड़े हुए, उनके दुःख-सुख-संवेदनाओं के भागीदार, जो अतीत संबंधी स्मृति प्रसंगों में बार-बार आते रहते हैं। जीवन चक्र जहां से आरंभ होता है वहीं उसका अंत हो जाता है। कहानी का घटना स्थल वह कच्चा मकान है जो गली के अंत में हैं जहां आकर गली बंद हो जाती है। इस मकान के समान ही मुंशी जी की स्थिति है। कथा का अंत आते-आते मुंशी जी की नियति भी बंद गली के आखिरी मकान की तरह हो जाती है। बंद और सीमित।

जिंदगी से रूबरू कराती है थियेटर की दुनिया

शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने कहा कि असल जिंदगी से रूबरू कराती है थियेटर की दुनिया। कलाकारों की लाइव प्रस्तुति हैरत में डाल देती है। थियेटर हमें संवेदनशील बनाते हैं। विद्यार्थियों को स्कूल व कॉलेज में मंच से जरूर जुड़ना चाहिए। इससे उनके व्यक्तित्व का विकास होता है। वह खुद मंच के लिए उत्साहित रहते थे। हरियाणा सरकार भी कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए काम कर रही है।

आज ताजमहल का टेंडर

रविवार को एनएसडी के निदेशक चितरंजन त्रिपाठी अभिनीत ताजमहल का टेंडर दिखाया जाएगा। भ्रष्टाचार की परतें खोलता यह नाटक कड़वी सच्चाई को उजागर करता है। रास कला मंच सफीदों के निदेशक रवि मोहन ने बताया कि 19 नवंबर तक चलो थियेटर महोत्सव मनाया जा रहा है यह 14वां महोत्सव है, जिसमें पहली बार एनएसडी की रेपर्टरी टीम अभिनय कर रही है।

देश के प्रख्यात निर्देशक नाटकों का मंचन कर रहे हैं। संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार, पाइट और हरियाणा कला परिषद का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इस अवसर पर चेयरमैन हरिओम तायल, सचिव सुरेश तायल, वाइस चेयरमैन राकेश तायल, बोर्ड सदस्य शुभम तायल, डीन डॉ.जेएस सैनी, डॉ.बीबी शर्मा भी मौजूद रहे।

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