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The Haryana Story | पानीपत के 'इस गांव' के घर में इनकम टैक्स की रेड, जालंधर, बठिंडा और चंडीगढ़ से पहुंची टीमें, 15 घंटे से भी ज्यादा चली जांच

पानीपत के 'इस गांव' के घर में इनकम टैक्स की रेड, जालंधर, बठिंडा और चंडीगढ़ से पहुंची टीमें, 15 घंटे से भी ज्यादा चली जांच

गांव में चर्चा : जिस घर में इनकम टैक्स की रेड पड़ी, उस घर में से कोई भी व्यक्ति किसी भी तरह से कोई गलत काम या अवैध रूप से काम नहीं करता, फिर भी यहां रेड क्यों पड़ी ?

प्रतीकात्मक तस्वीर

पानीपत जिले के उपमंडल समालखा के गांव करहंस में जालंधर, बठिंडा और चंडीगढ़ से इनकम टैक्स के करीब आधा दर्जन अधिकारियों ने एक व्यक्ति के घर रेड डाली सुबह से लेकर देर शाम तक अधिकारी अंदर कोठी में ही रहे, इसको लेकर गांव में लोग विभिन्न चर्चाएं चलते रहे हैं, वहीं देर 9 बजे तक भी अधिकारी अंदर से बाहर नहीं आए थे, तो लोगों में चर्चाएं और भी तेज हो गई। करहंस गांव में एक घर में सोमवार सुबह करीब 6 बजकर 15 मिनट बजे तीन पंजाब के नंबरों की गाड़ियां और एक समालखा के नंबर की गाड़ी आकर रुकी और वह एकदम उस घर के अंदर प्रवेश कर गए। सुबह घर के अंदर जाने के बाद सभी अधिकारी अंदर रहे, हालांकि उनके साथ कुछ महिला और पुरुष पुलिस कर्मचारी भी थे।

घर से निकले तो असिस्टेंट के हाथ में दो थैले थे, थैलों में क्या था क्या नहीं वह अभी सब गुप्त है

पुलिस कर्मचारी अंदर गेट पर ही निगरानी करने में लग गए, उस घर का मालिक जो अपने खेत या अन्य कहीं जगह गया हुआ था वह भी आ गया, यानी कर्मचारी सुबह से देर शाम तक अंदर ही रहे, हालांकि इस बीच पानीपत के नंबरों की एक गाड़ी में एक अधिकारी, एक असिस्टेंट और एक ड्राइवर भी आए, वह भी उस घर में प्रवेश कर गए और अंदर से कुछ घंटे के बाद जब वह निकले तो असिस्टेंट के हाथ में दो थैले भी दिखाई दिए, थैलों में क्या था क्या नहीं वह अभी सब गुप्त है। इसके बाद अंदर बाकी जो अधिकारी गए हुए थे वह अंदर ही रहे, हालांकि पंजाब और समालखा के नंबरों की जो प्राइवेट गाड़ी थी, उनके ड्राइवर बाहर ही थे, वह कोई सो रहा था तो कोई मोबाइल पर चैटिंग कर रहा था।

आखिर पड़ी इस व्यक्ति के घर में रेड

हालांकि इस दौरान जिस घर में इनकम टैक्स के अधिकारी आए हुए थे, उसके आसपास कुछ लोग इकट्ठा होते रहे और आगे जाते रहे, लोगों में विभिन्न चर्चाएं चल रही थी, हालांकि गांव में यह भी चर्चा चल रही थी कि जिस घर में इनकम टैक्स की रेड पड़ी है, उस घर में से कोई भी व्यक्ति किसी भी तरह से कोई गलत काम या अवैध रूप से काम नहीं करता, लेकिन फिर भी यहां रेड क्यों पड़ी, इस बात पर प्रश्न चिन्ह लगा हुआ था।

 सुबह करीब 6 बजे इनकम टैक्स के अधिकारियों का इस घर में प्रवेश करना और शाम करीब 9 बजे तक इस घर में ही रहना, अब विभिन्न विषयों पर सवाल खड़ा करता है, हालांकि जहां पर इनकम टैक्स की रेड पड़ी हुई है वहां इस कार्रवाई के दौरान ही एक महिला को कुछ घबराहट हुई और वह महिला पास में ही एक मेडिकल स्टोर पर कुछ दवाई लेने के लिए आई तो एक पुलिस कर्मचारी उसके साथ आई, जिससे पता लगा कि वह पुलिस कर्मचारी पानीपत पुलिस में नौकरी कर रही है।

अधिकारियों ने नहीं दिया कोई जवाब

इस मामले में जब पंजाब केसरी के संवाददाता के द्वारा  पानीपत से आए हुए इनकम टैक्स के अधिकारी से कुछ बात करनी चाहिए तो बार-बार उनसे प्रश्न करने पर उन्होंने कोई उत्तर नहीं दिया और वह अपने कान पर मोबाइल लगाकर गाड़ी में बैठे और चले गए, हालांकि इस गाड़ी में दो थैलों में वह क्या लेकर गए क्या नहीं, इस बात का तो अभी कोई भी खुलासा नहीं हो पाया है। विश्वसनीय सूत्रों से यह भी पता लगा कि इन थैलो में कुछ प्रिंटर थे अब वह प्रिंटर जहां रेड मारी गई है उनके थे या इनकम टैक्स विभाग के थे, इस बात का भी अभी कोई खुलासा नहीं हो पाया है।

इस परिवार का किसी भी तरह से कोई अवैध काम करने से संबंध नहीं हो सकता

करहंस गांव में यह पहला ऐसा मौका है कि किसी घर में इनकम टैक्स की रेट पड़ी हो और वह भी इतने लंबे समय तक अधिकारी एक घर में ही अंदर रहे हो, क्योंकि सुबह से लेकर रात तक अधिकारियों का घर के अंदर ही रहना और गांव में तरह-तरह की चर्चाएं चलना करहंस गांव में यह एक बहुत बड़ी बात होने के बराबर है। रात के 9 बजे तक भी अधिकारियों का अंदर रहना और अंदर से बाहर वह किस टाइम आएंगे किस टाइम नहीं अभी उनका कुछ पता नहीं है, लेकिन गांव में लोगों की जुबान पर विभिन्न रूप से चर्चाएं जरूर चली हुई है, तकरीबन लोग कह रहे हैं कि इस परिवार का किसी भी तरह से कोई अवैध काम करने से संबंध नहीं हो सकता।

इस बारे में जब मकान मालिक से बात करनी चाहिए तो उनके दो नंबरों पर फोन मिलाए गए एक नंबर स्विच ऑफ मिला तो दूसरे नंबर पर उन्होंने फोन नहीं उठाया, इससे यही अंदाजा लगाया जा रहा था की इनकम टैक्स के अधिकारी जी भी घर में कोई भी रेड डालते हैं तो उस समय वह किसी को फोन सुनने नहीं देते या वह फोन अपने पास रखवा लेते हैं, शायद इसी को लेकर मकान मालिक हमारा फोन नहीं सुन पाए।

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